작품소개
[건달 강필두. 열입곱 소년이 되어, 다시 눈을 뜨다.]
【범죄 느와르】【학원물】【복수】【사이다】
조직 생활에 몸담은 지.
20년째..
꼬여버린 실타래처럼 엉켜버린 나의 인생.
절벽 낭떠러지 끝에 몰려버린 외줄 타기 인생.
20년간 몸담은 조직에서 나에게 내린, 억울한 살인누명과,
증거를 은폐하기 위해 내린 20년 지기의 배신
등에 칼이 꽂힌 체 묘지에 묻혀버린 나.
37살. 영원히 되돌아올 수 없는 사선의 강을 건너버린 나는,
17살. 시간을 거슬러 올라가 다시 한번 선택의 갈림길에 서고 만다.
엿 같았던 인생살이.
모든 것을 제자리로 돌려놓고 말겠다..
기다려라..
내 삶을 좆같이 만든 개새끼들에게,
죽음보다 진한 단죄를 내리리...
제목 | 날짜 | 조회 | 추천 | 글자수 | |
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공지 | 와. 큰일났다. 배탈에 열까지 남. 헌혈하고 밖에 싸돌아 다니다가, 몸 탈났네. 왔더. 형님들 ㅈㅅ요 조금만 | 19.02.24 | 178 | 0 | - |
공지 | 연재주기) 1일 약 4천자를 쓰고 있습니다. 한데. 이게 1편(5천~)이래서, 1일씩 빵꾸날때가 있습니다. | 19.02.14 | 696 | 0 | - |
27 | -1부- 《Epilogue》 +4 | 19.02.23 | 684 | 18 | 15쪽 |
26 | -25- | 19.02.22 | 775 | 15 | 15쪽 |
25 | -24- | 19.02.20 | 836 | 16 | 12쪽 |
24 | -23- +1 | 19.02.18 | 950 | 16 | 12쪽 |
23 | -22- +2 | 19.02.17 | 988 | 18 | 12쪽 |
22 | -21- | 19.02.15 | 1,094 | 21 | 13쪽 |
21 | -20- | 19.02.14 | 1,163 | 16 | 13쪽 |
20 | -19- | 19.02.13 | 1,273 | 17 | 9쪽 |
19 | -18- | 19.02.13 | 1,133 | 12 | 12쪽 |
18 | -17- | 19.02.13 | 1,130 | 10 | 12쪽 |
17 | -16- | 19.02.13 | 1,137 | 14 | 13쪽 |
16 | -15- | 19.02.13 | 1,125 | 11 | 11쪽 |
15 | -14- | 19.02.13 | 1,153 | 12 | 10쪽 |
14 | -13- | 19.02.13 | 1,137 | 11 | 12쪽 |
13 | -12- | 19.02.13 | 1,195 | 10 | 10쪽 |
12 | -11- | 19.02.13 | 1,185 | 11 | 12쪽 |
11 | -10- | 19.02.13 | 1,211 | 13 | 11쪽 |
10 | -9- | 19.02.13 | 1,296 | 10 | 11쪽 |
9 | -8- +1 | 19.02.13 | 1,401 | 14 | 14쪽 |
8 | -7- | 19.02.13 | 1,414 | 14 | 12쪽 |
7 | -6- | 19.02.13 | 1,376 | 13 | 11쪽 |
6 | -5- | 19.02.13 | 1,408 | 13 | 11쪽 |
5 | -4- | 19.02.13 | 1,418 | 12 | 11쪽 |
4 | -3- | 19.02.13 | 1,466 | 15 | 10쪽 |
3 | -2- | 19.02.13 | 1,495 | 14 | 11쪽 |
2 | -1- | 19.02.13 | 1,732 | 12 | 11쪽 |
1 | 《PROLOG》 | 19.02.13 | 1,884 | 14 | 4쪽 |