
평범한 세상과는 어울리지 않는 괴력의 남자, 건혁.
평범하게. 착하게. 남과 어울리게.
온 힘을 다해 어울리고자 했으나, 한 번의 실수로 모든 것이 무너졌다.
하지만 한 번의 무너진 이후 찾아온 낯선 세계.
그곳에서 자신의 진정한 자아를 찾아간다.
[경배하라, 낯선 이여. 나는 이곳의 신이다]
제목 | 날짜 | 조회 | 추천 | 글자수 | |
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42 | 고립 +3 | 22.11.20 | 440 | 17 | 12쪽 |
41 | 파밍을 위한 준비 | 22.11.19 | 428 | 17 | 12쪽 |
40 | 두뇌파 +1 | 22.11.18 | 467 | 17 | 12쪽 |
39 | 비밀친구 +1 | 22.11.17 | 498 | 20 | 12쪽 |
38 | 진부하군 +1 | 22.11.16 | 561 | 23 | 12쪽 |
37 | 본색 +3 | 22.11.15 | 556 | 23 | 12쪽 |
36 | 무덤 속으로 +1 | 22.11.14 | 586 | 20 | 12쪽 |
35 | 일단 부자부터 | 22.11.13 | 621 | 20 | 12쪽 |
34 | 딜 | 22.11.12 | 600 | 23 | 12쪽 |
33 | 신과 사랑 | 22.11.11 | 642 | 22 | 12쪽 |
32 | pray +1 | 22.11.10 | 636 | 27 | 12쪽 |
31 | 함정 속으로 | 22.11.09 | 637 | 25 | 12쪽 |
30 | 위험한 도박 | 22.11.07 | 728 | 24 | 12쪽 |
29 | 교감 | 22.11.06 | 733 | 21 | 12쪽 |
28 | 원격 | 22.11.05 | 722 | 24 | 12쪽 |
27 | 대어를 잡아라 | 22.11.04 | 761 | 22 | 12쪽 |
26 | 예의 바른 거미 +1 | 22.11.03 | 771 | 22 | 12쪽 |
25 | 승급 | 22.11.02 | 794 | 26 | 12쪽 |
24 | 신살 +1 | 22.11.01 | 821 | 26 | 12쪽 |
23 | 신들의 세계 | 22.10.31 | 860 | 26 | 11쪽 |
22 | 되어주마 +2 | 22.10.30 | 893 | 25 | 12쪽 |
21 | 재림 | 22.10.29 | 890 | 24 | 12쪽 |
20 | 좋은 선배 | 22.10.28 | 877 | 24 | 12쪽 |
19 | 짧은 동행 | 22.10.27 | 936 | 21 | 12쪽 |
18 | 정식으로 의뢰를 받다 +2 | 22.10.26 | 1,002 | 22 | 13쪽 |
17 | 받을 건 받아야지 | 22.10.25 | 1,019 | 26 | 12쪽 |
16 | 시궁창의 방식 +3 | 22.10.24 | 1,034 | 24 | 12쪽 |
15 | 현실 속 판타지 | 22.10.23 | 1,132 | 24 | 13쪽 |
14 | 시궁창 속 인연 | 22.10.22 | 1,208 | 25 | 12쪽 |
13 | 동업 | 22.10.21 | 1,320 | 26 | 13쪽 |