작품소개
복사꽃이 흩날리는 아름다운 세계, 도원향(桃源鄕).
고대 악신의 봉인이 약해지고, 잊혀졌던 요괴들이 다시 깨어나기 시작할 때-
“이건 시작입니다, 선화.”
련은 나를 똑바로 바라보며 말했다.
“앞으로 한 걸음씩, 당신의 곁으로 다가가겠습니다. 당신이 나를 받아줄 때까지.”
설사 내가 한 걸음 물러서도 멈추지 않고 다가가겠다.
이 남자는 그리 말하고 있었다.
운명보다 먼저 도달한 진심이, 그녀의 삶을 흔들기 시작한다.
그 끝은 평화일까, 파멸일까.
이제 특별한 운명을 지닌 여인과 신수들의 이야기를 시작해 보자.
제목 | 날짜 | 조회 | 추천 | 글자수 | |
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59 | 주하윤(2) NEW | 11시간 전 | 2 | 0 | 12쪽 |
58 | 주하윤(1) | 25.07.07 | 3 | 0 | 12쪽 |
57 | 진짜 이름 | 25.07.04 | 5 | 0 | 12쪽 |
56 | 눈을 감고 귀도 막아 | 25.07.03 | 6 | 0 | 13쪽 |
55 | 조만간 +2 | 25.06.27 | 8 | 1 | 13쪽 |
54 | 조금 더 가까이 +4 | 25.06.26 | 8 | 2 | 12쪽 |
53 | 낯익은 느낌 +4 | 25.06.25 | 8 | 2 | 12쪽 |
52 | 조언이 아닌 +4 | 25.06.24 | 7 | 2 | 12쪽 |
51 | 선택의 그림자(2) +4 | 25.06.23 | 8 | 2 | 12쪽 |
50 | 선택의 그림자(1) +4 | 25.06.20 | 10 | 2 | 12쪽 |
49 | 이젠 끝났어요 +2 | 25.06.19 | 10 | 1 | 12쪽 |
48 | 백율 +2 | 25.06.18 | 9 | 1 | 12쪽 |
47 | 금원(3) +2 | 25.06.17 | 11 | 1 | 13쪽 |
46 | 금원(2) +2 | 25.06.16 | 11 | 1 | 12쪽 |
45 | 금원(1) +2 | 25.06.15 | 10 | 1 | 12쪽 |
44 | 오랜만이야 +2 | 25.06.14 | 10 | 1 | 12쪽 |
43 | 국장 +2 | 25.06.13 | 11 | 1 | 12쪽 |
42 | 약속 +2 | 25.06.12 | 11 | 1 | 12쪽 |
41 | 기련 +2 | 25.06.11 | 11 | 1 | 12쪽 |
40 | 붉은 눈동자 +4 | 25.06.10 | 13 | 2 | 12쪽 |
39 | 도철 +2 | 25.06.09 | 13 | 1 | 12쪽 |
38 | 내려놔 +2 | 25.06.08 | 12 | 1 | 12쪽 |
37 | 어서 와, 막내야 +2 | 25.06.07 | 11 | 1 | 12쪽 |
36 | 슬픔으로 흔들리던 걸음은 +2 | 25.06.06 | 13 | 1 | 13쪽 |
35 | 희미한 파문 +2 | 25.06.05 | 13 | 1 | 13쪽 |
34 | 찾았다 +2 | 25.06.04 | 11 | 1 | 12쪽 |
33 | 다시 나타난 것 +2 | 25.06.03 | 13 | 1 | 13쪽 |
32 | 화신 +2 | 25.06.02 | 11 | 1 | 12쪽 |
31 | 거기 있었구나 +2 | 25.06.01 | 13 | 1 | 12쪽 |
30 | 습격(2) +2 | 25.05.31 | 14 | 1 | 13쪽 |