작품소개
13세기 몽골의 세계 정복이 한창이던 전란의 시대.
그가 나타났다. 그리고 역사의 물줄기가 거세게 요동치기 시작했다.
"아직 멀었군, 너 놈들은 좀 세게 맞아야겠다."
제목 | 날짜 | 조회 | 추천 | 글자수 | |
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공지 | 1238년 시대 배경과 주요 인물상 +2 | 24.08.20 | 229 | 0 | - |
26 | 파우스트 +2 | 24.08.27 | 228 | 4 | 11쪽 |
25 | 폭풍의 프리틀웰 +1 | 24.08.26 | 235 | 4 | 9쪽 |
24 | 친구와 금발의 이방인 | 24.08.25 | 235 | 6 | 11쪽 |
23 | 동경으로 온 까닭 +2 | 24.08.22 | 233 | 6 | 8쪽 |
22 | 미지의 인물 | 24.08.22 | 233 | 7 | 13쪽 |
21 | 혈야(血夜)와 다향(茶香) +2 | 24.08.20 | 230 | 7 | 8쪽 |
20 | 운명의 조우 +2 | 24.08.19 | 231 | 5 | 10쪽 |
19 | 불벼락 | 24.08.18 | 225 | 5 | 10쪽 |
18 | 황룡사를 구원하소서 | 24.08.17 | 220 | 5 | 7쪽 |
17 | 장육존상과 호투(虎鬪) | 24.08.16 | 225 | 5 | 7쪽 |
16 | 첩첩산중 | 24.08.15 | 228 | 3 | 9쪽 |
15 | 위기의 목탑 | 24.08.14 | 224 | 4 | 9쪽 |
14 | 사투(死鬪) | 24.08.13 | 231 | 4 | 10쪽 |
13 | 치열해지는 공방전 | 24.08.13 | 234 | 4 | 9쪽 |
12 | 황룡사로 몰려드는 몽골군 | 24.08.12 | 244 | 5 | 10쪽 |
11 | 인(因)과 연(緣) +1 | 24.08.11 | 248 | 5 | 9쪽 |
10 | 서원(誓願) 그리고 이별 | 24.08.11 | 246 | 4 | 8쪽 |
9 | 사면초가 | 24.08.10 | 249 | 5 | 9쪽 |
8 | 물고 물리는 시가전(市街戰) | 24.08.10 | 249 | 4 | 9쪽 |
7 | 떠나보내는 부정(父情) +1 | 24.08.09 | 269 | 5 | 12쪽 |
6 | 덫을 놓다 | 24.08.09 | 295 | 6 | 10쪽 |
5 | 구출작전 | 24.08.09 | 348 | 5 | 11쪽 |
4 | 추격전 | 24.08.08 | 399 | 6 | 11쪽 |
3 | 전화(戰火)의 불길 | 24.08.08 | 465 | 6 | 6쪽 |
2 | 1238년, 다가오는 전운(戰雲) | 24.08.07 | 567 | 6 | 11쪽 |
1 | 2050년, 운명의 쌍둥이 혜성 +1 | 24.08.07 | 694 | 7 | 10쪽 |